फिल्म ‘मुन्नाभाई’ एमबीबीएस’ से सर्किट के किरदार से मशहूर और फिल्मों में अपने बेहतर कॉमिक टाइमिंग के लिए जाने जाने वाले अभिनेता अरशद वारसी का जीवन, बहुत संघर्षो भरा रहा। 19 अप्रैल 1968 को मुंबई के एक मुस्लिम परिवार में जन्में अरशद वारसी के सर से छोटी उम्र में ही माता-पिता का साया उठ गया, जिसके कारण 10वीं के बाद उन्हें अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी और इसके बाद शुरू हुआ अरशद के संघर्षों का दौर। महज 17 साल की उम्र में अरशद ने घर -घर जाकर कॉस्मेटिक प्रोडक्ट बेचने का काम करने लगे। अरशद को डांस में रूचि थी, इसलिए उन्होंने अपने काम के साथ-साथ मुंबई के ही अकबर सामी डांस ग्रुप को ज्वाइन कर लिया। इसके बाद अरशद की मेहनत रंग लाने लगी। साल 1987 में अरशद को महेश भट्ट निर्देशित फिल्म ‘काश’ और ‘ठिकाना’ में बतौर डांस कोरियोग्राफर काम करने का मौका मिला। इसके बाद साल 1991 में अरशद ने इंडियन डांस कॉम्पिटिशन जीता और साल 1992 में लंदन में आयोजित वर्ल्ड डांस चैंपियनशिप में मॉडर्न जज केटेगरी में फोर्थ प्राइज अपने नाम किया। इसके बाद अरशद ने मुंबई में अपना डांस स्टूडियो शुरू किया, जिसका नाम ‘ऑसम’ था। साल 1993 में अरशद ने सतीश कौशिक निर्देशित फिल्म ‘रूप की रानी चोरों का राजा’ में रैप ‘रूप की रानी चोरों का राजा’ को कोरियोग्राफ किया।
साल 1996 में अरशद को फिल्म ‘तेरे मेरे सपने’ में अभिनय करने का अवसर प्राप्त हुआ। यह फिल्म अमिताभ बच्चन के प्रोडक्शन हाउस की पहली फिल्म थी। इसके बाद अरशद ने कई फिल्मों में काम किया, लेकिन पहचान उन्हें साल 2003 में आई फिल्म ‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’ में सर्किट का किरदार निभाकर मिली। इसके बाद अरशद को मशहूर निर्देशक रोहित शेट्टी की कॉमेडी फिल्म ‘गोलमाल सीरीज’ में भी काम करने का मौका मिला, जिसमें उनके अभिनय को काफी पसंद किया गया। अरशद ने कॉमेडी फिल्मों में अपनी खास पहचान तो बनाई ही है, साथ ही उन्होंने कई फिल्मों में अपने संजीदा अभिनय का भी परिचय दिया है, जिसकी तारीफ फिल्म समीक्षकों से लेकर आलोचकों तक ने की। अरशद की प्रमुख फिल्मों में हीरो हिंदुस्तानी, हलचल, मैंने प्यार क्यूँ किया, लगे रहो मुनाभाई, इश्किया, डेढ़ इश्किया, जॉली एलएलबी, जिला गाजियाबाद, पागलपंती आदि शामिल हैं।
फिल्मों के अलावा अरशद छोटे पर्दे पर भी नजर आये। साल 2006 में उन्होंने ‘बिग बॉस सीजन 1 ‘ को होस्ट किया। साल 2010 में डांस रियलिटी शो ‘जरा नचके दिखा सीजन 2 ‘ में जज के रूप में नजर आये। इसके अलावा भी अरशद कई शो में भी आये।
अरशद ने 14 फरवरी 1999 को अपनी स्टूडेंट और वीजे मारिया गोरेट्टी के साथ लम्बे रिलेशनशिप में रहने के बाद शादी कर ली। अरशद और मारिया की पहली मुलाकात साल 1991 में मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज में आयोजित मल्हार फेस्टिवल में हुई थी। उस समय अरशद अपना डांस ग्रुप चलाते थे और इस समारोह में अरशद को बतौर जज आमंत्रित किया गया था। वहां उन्होंने सेंट एंड्रयू कॉलेज की प्यारी सी मुस्कान वाली छात्रा मारिया गोरेटी को देखा, जो कंपटीशन में हिस्सा लेने आई थीं। मारिया को पहली नजर में देखते ही अरशद मारिया को अपना दिल दे बैठे।इसके बाद अरशद ने मारिया को अपने डांस ग्रुप में शामिल होने का प्रस्ताव रखा। इस तरह मारिया अरशद को असिस्ट करने लगीं। धीरे -धीरे मरिया को भी अरशद से प्यार हो गया, लेकिन जब भी अरशद उनसे पूछते थे वह इंकार कर देती थी। इस दौरान एक बार अरशद और मारिया को दुबई टूर पर जाने का मौका मिला, तब वह एक दिन अरशद ने मौका देखकर मारिया की कोल्ड ड्रिंक में बियर मिला दी। मारिया को नशा चढ़ गया और उन्होंने अरशद से अपने प्यार का इजहार कर दिया। लेकिन प्यार का इजहार होने के बाद भी दोनों के प्यार को अभी मंजिल मिलनी बाकी थी। अरशद से शादी के लिए मारिया के पेरेंट्स तैयार नहीं थे। एक तो अरशद मुस्लिम थे और मारिया क्रिश्चन और दूसरा कारण यह था कि मारिया के पेरेंट्स को लगता था फिल्मी दुनिया के लोगों की शादी टिकती नहीं है। मगर अरशद से मिलने के बाद उन्होंने इस शर्त पर रजामंदी दी कि शादी चर्च में होगी। जबकि अरशद का परिवार मुस्लिम रिवाजों से निकाह करवाना चाहता था। आखिर दोनों ने तय किया कि वह वैलेंटाइन-डे के दिन शादी करेंगे और दोनों ने 14 फरवरी 1999 को ईसाई और मुस्लिम दोनों रीति रिवाज से शादी की। अरशद और मारिया के दो बच्चे है एक बेटा जिसका नाम जेके है और बेटी का नाम जेने हैं।
अरशद अब भी फिल्म जगत में सक्रिय है और फिल्मों में उन्हें अपने शानदार प्रदर्शन के लिए कई पुरस्कारों से नवाजा भी गया है, जिसमें साल 2004 में, उन्हें फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस में एक कॉमिक भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के रूप में ज़ी सिने पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अलावा उन्हें फिल्म हलचल के लिए गिफा बेस्ट कॉमेडियन पुरस्कार, फिल्म लगे रहो मुन्नाभाई में कॉमिक रोल के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के रूप में फिल्मफेयर अवॉर्ड, सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के लिए आईआईएफए अवॉर्ड, ज़ी सिने पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के लिए स्क्रीन अवॉर्ड, सर्वश्रेष्ठ एंकर-गेम / क्विज़ शो के लिए इंडियन टेलीविजन अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
साल 2011 में, उन्हें फिल्म इश्किया के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के रूप में स्क्रीन पुरस्कार, साल 2013 में, फिल्म जॉली एलएलबी के लिए सबसे मनोरंजक हास्य अभिनेता के रूप में बिग स्टार एंटरटेनमेंट अवॉर्ड और 2014 में, उन्हें फिल्म जॉली एलएलबी में कॉमिक भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के रूप में अप्सरा फिल्म प्रोड्यूसर गिल्ड अवार्ड और आईआईएफए अवॉर्ड समेत कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। अभिनेता अरशद वारसी के लिए ये कहना कतई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि वह उन लोगों में से हैं, जिन्होंने अपनी मुश्किलों को ही अपनी ताकत में तब्दील कर लिया और अपने लिए एक नया मुकाम बनाया। छोटी उम्र में अपने सिर से माता-पिता का साया उठ जाने और जीवन की तमाम मुश्किलों के बीच अरशद वारसी ने कभी भी अपने सपनों को खुद से दूर नहीं किया और अपनी मंजिल भी पाई।