अनुकूल और प्रतिकूल परिस्थितियों में सुख और दुख का अनुभव करना बुद्धि की प्रतिक्रिया है। लाभ और हानि मन की कल्पनायें हैं जिससे किसी चीज को लेकर खुशी और गम होना स्वाभाविक है। लालसा किये गए सामान और वस्तु हासिल करने पर खुशी और नहीं मिल पाने पर गम होना स्वाभिवक है। भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं मनुष्य के जीवन में ...
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