मनुष्य जीवन जीते हुए हमें हमेशा ही हमारे योगक्षेम, मतलब की हमारी आवश्यकताओं और आश्रय की चिंता सताती रहती है। यह मनुष्य जीवन की एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। लेकिन जब हम भगवद गीता का अध्ययन करेंगे तो ज्ञात होगा कि भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि आपको किसी भी तरह की कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है, अगर आप प्रभु ...
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