क्या पता, भगवान ने वह मनुष्य का पेट भरने के लिए ही हमें सम्पति दी हो, क्या पता कि 200-500 लोगों का घर चलाने के लिए ही भगवान ने मुझे फैक्ट्री का मालिक बनाया हो, क्या पता की लोगों की मदद करने के लिए ही भगवान ने मुझे धनवान बनाया हो। इसलिए हमें इस बात का अभिमान नहीं परन्तु गर्व करना चाहिए कि भगवान ने मुझे दूसरे लोगों की मदद करने के लिए ही यह सब कुछ प्रदान किया है। और इसलिए हमें अपना केंद्र सम्पति या धन-दौलत पर नहीं परन्तु भगवान के प्रति शुक्रिया कर करना चाहिए।
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