हमारे धर्म और अध्यात्म ने कहा गया है कि, एक माँ सौ शिक्षकों के बराबर होती है I आज के ज़माने में हमें यही लगता है कि, अगर हमारा बच्चा अच्छा नहीं पढ़ा या अच्छे संस्कारों वाला नहीं हुआ तो उसके स्कूल-कॉलेज या शिक्षक की गलती है| हम कभी अगर बैठकर शांति से सोचे तो हमें पता चलता है कि, ...
Read More »Fragrance of Relationship
सद्गुणों के सर्जक एवं सद्वृति के पालक – गुरु
हिन्दुओं में गुरुपूर्णिमा का खास महत्व है और इसे सभी हिन्दू एक खास और पावन उत्सव की तरह मानते हैं| गुरुपूर्णिमा का उत्सव मनाना मतलब, गुरु का पूजन करना, गुरु के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करना | हमारे जीवन में अज्ञान के अंधकार को दूर कर, ज्ञान की ज्योति को प्रगट करनेवाले व्यक्ति का नाम ही है, गुरु | वैसे ...
Read More »माता स्नेह का सागर और पिता संस्कारों की चट्टान
हर इंसान की जो नींव होती है सही मायने में वह नींव होती है वो है हमारे माता-पिता I हम दुनिया का कोई भी कर्ज को उतार सकते हैं , पर माँ-बाप का कर्ज कभी नहीं उतार सकते I मनुष्य चाहे कितना भी धार्मिक हो, कितना ही मूल्यवान हो, कितना ही धनिक हो, अगर वो अपने मां-बाप की इज्जत नहीं ...
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