वैदिक संस्कृति

महर्षि वेदव्यास

जिन्होंने पुराणों, महाभारत की रचनाएं तो की थी, साथ में ब्रह्मसूत्रें की भी रचना की थी। ऐसे महान महर्षि वेद व्यास

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विश्वामित्र

विश्वामित्र ने अपने कर्तुत्व से सप्तर्षियो में स्थान पा ही लिया था

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संत वाल्मीकि

इंसान एक बार मन से ठान ले की उसे करना है तो ‘नर अपनी करनी से नारायण’ भी बन सकता है

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महर्षि याज्ञवल्क्य

अपने जीवन काल में शतपथ ब्राह्मण ग्रंथ, बृहदारण्य कोपनिषद जैसे अनेक ग्रंथो की निर्मिती की है। ऐसे युगपुरुष भारतीय तत्व ज्ञान के पितामह

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महर्षि वशिष्ठ

भगवान श्री राम के गुरु बने  थे, वे परम आदरणीय ऐसे महर्षि वशिष्ठ

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ज्योतिषाचार्य पराशर मुनि

पराशर जैसा पोता पाकर वशिष्ठ को भी लगा की शायद नियति को अभी हमारे कुल में विश्वास है

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पांडूरंग शास्त्री आठवले ‘’दादाजी’’

श्वेत क्रान्ति के प्रणेता प.पू.पांडुरंग शास्त्री आठवले एवं स्वाध्याय कार्य

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शिर्डी के साईं बाबा

शिर्डी के साईं बाबा

साईं का अर्थ होता है, फकीर या सूफी संत या पावन कारी संत

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श्रीमद आदि शंकराचार्य

माँ भारती के एक महान दार्शनिक और धर्म प्रवर्तक आदि शंकराचार्य जी

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सहजानंद स्वामी (भगवान स्वामिनारायण)

स्वामिनारायण मंत्र का जाप करने को कहा। मतलब नारायण ही मेरा स्वांमी है

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