राजर्षि पुरुषोत्तमदास टंडन के सम्बन्ध में। वह प्रखर राष्ट्रवादी के रूप में मशहूर थे
Read More »पुरस्कार
डॉ. विधानचन्द्र रोय (भारतरत्न- 1961)
“जो कुछ भी करो, उसे अपनी सम्पूर्ण शक्ति से करो"डॉ. विधानचन्द्र राय (भारतरत्न 1961)
Read More »डॉ. धोन्धू केशव कर्वे (भारतरत्न- 1958)
समाजसेवी डॉ. घोन्धू केशव कर्वे के, जिन्हें सम्मान के साथ अण्णा साहब कहा जाने लगा.....................
Read More »गोविन्दवल्लभ पन्त/(जी.बी.पंत) (भारतरत्न- 1957)
गोविन्द वल्लभ पन्त भारतीय राजनीति के उन दूरदर्शी नेताओं में से एक थे, जिन्होंने अपने देश को दासता की बेड़ियों से आज़ाद कराने के लिए अपना खून बहाया था।
Read More »जवाहरलाल नेहरू (भारतरत्न- 1955)
विजय हमारे साथ में नहीं होती, लेकिन साहस और प्रयास से वह अक्सर मिल जाती है,- जवाहरलाल नहेरु
Read More »डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया (भारतरत्न- 1955)
मेहनत करो, काम करो! बिना मेहनत किए हमें रोटी खाने का क्या हक़ है? मेहनत करने, काम करने में ही देश का कल्याण है, सबकी भलाई है
Read More »डॉ. भगवान दास भारत रत्न-1955
मानवता के पुजारी थे भगवान दास।
Read More »चन्द्रशेखर वेंकट रामन भारत रत्न-1954
भारत के महान वैज्ञानिकों में से एक “सीवी रमन”
Read More »चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, भारत रत्न-1954
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी,उन्हें बीसवीं सदी का चाणक्य भी कहा गया। भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष थे जो राजाजी के नाम से भी जाने जाते हैं|
Read More »डॉ. सर्वेपल्लि राधाकृष्णन्, भारत रत्न-1954
मेधावी राधाकृष्णन् ने एक बार कहा था, “मैं इंग्लैंड पढ़ने नहीं गया, पढ़ाने अवश्य जाऊंगा।”................................
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