सुपर-30 के असली हीरो….. शिक्षाविद आनंद कुमार

आनंद कुमार एक भारतीय गणितज्ञ, शिक्षाविद तथा बहुत सी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय गणित की पत्रिकाओं के स्तंभकार हैं  | सुपर 30 कार्यक्रम के कारण उन्हें प्रसिद्धि मिली | यह कार्यक्रम उन्होंने  2002 में पटना, बिहार से प्रारम्भ किया था | इसमें आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को आई आई टी  सयुक्त प्रवेश परीक्षा की तैयारी करवाई जाती है | 2018 के आंकड़ों के अनुसार उनके द्वारा प्रशिक्षित 480  में से 422 छात्र भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ( आईआईटी ) के लिए चयनित हो चुके हैं | डिस्कवरी चैनल ने भी इनके कार्य पर लघु फिल्म बनायी है | उन्हें हार्वर्ड विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों द्वारा अपने  कार्यों पर बोलने के लिए निमंत्रण भी मिला है |

आनंद कुमार का जन्म 1 जनवरी 1973 को पटना, बिहार में हुआ था | उनके पिता  भारतीय डाक विभाग में एक क्लर्क थे | अधिक खर्चों के कारण उनके पिता  आनंद कुमार को निजी विद्यालय में नहीं पढ़ा पाए |  वे सरकारी विद्यालय में हिंदी माध्यम में पढ़े  |वहां  गणित में उन्हें  अधिक लगाव हो |गया |  स्नातक शिक्षा के दौरान उन्होंने संख्या सिद्धांत पर कुछ पेपर जमा किये जिसे मैथमैटिकल स्पेक्ट्रम तथा मैथमैटिकल गजट में प्रकाशित किया गया |

पिता  की मृत्यु और ख़राब  आर्थिक स्थिति के कारण चयनित होने के बावजूद चाहकर भी वे कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में दाखिला नहीं ले पाए | उस दौरान वे सुबह गणित पर काम करते और परिवार की मदद हेतु  शाम को पापड़ बेचने में माँ को मदद करते थे |  अतिरिक्त  पैसा कमाने के लिए उन्होंने गणित पढ़ाना  भी प्रारम्भ किया |

आनंद कुमार सुपर 30 के सस्थापक हैं| सुपर 30 के नाम से इंस्टिट्यूट चलाते हैं | इसमें निर्धन विद्यार्थियों को आईआईटी  के लिए  निःशुल्क कोचिंग क्लासेस करवाई जाती है | आनंद कुमार एक विशेषज्ञ गणित शिक्षक के साथ साथ एक अच्छे शिक्षक भी हैं | आनंद कुमार जी एक ऐसे शिक्षक हैं जो गरीब छात्रों को फ्री में शिक्षा देकर उनकी योग्यता की पहचान करते हैं | आईआईटी का सपना  देखने वाले  निर्धन प्रतिभाशाली  छात्रों के लिए उनका सुपर 30 नाम का संस्थान एक वरदान है | उनका मुख्य उद्येश्य है गरीब छात्रों को आईआईटी  जी में प्रवेश के लिए तैयार करना | हमारे देश के होनहार बच्चे जो गरीबी के कारण आईआईटी का सपना देखना छोड़ देने के लिए मजबूर होते हैं, अब उन्हें ऐसा सोचने की जरुरत नहीं है | उनके सपने को पूरा करने के लिए ही आनंद कुमार जी सुपर 30 के छात्रों को मुफ्त में शिक्षा देते हैं |

1992 में उन्होंने गणित पढ़ाना  आरम्भ किया | उन्होंने प्रति महीना 5000 रुपये देकर एक कक्षा किराया पर ली और एक संस्थान खुला | रामानुजम स्कूल ऑफ़ मैथमैटिक्स के नाम से इसकी स्थापना की गयी | एक ही वर्ष में 2 छात्रों से बढ़कर 36 हो गए और तीसरे साल के अंत तक वह संख्या 500 तक पहुँच गयी | पुनः 2002 में गरीब छात्रों के निवेदन पर, जो कि आईआईटी संयुक्त प्रवेश परीक्षा की महंगी कोचिंग की फीस नहीं दे सकते, सुपर 30 कार्यक्रम प्रारम्भ किया | इसी अभूतपूर्व कार्य के लिए उन्हें प्रतिष्ठा  मिली |

मार्च 2009 में डिस्कवरी  चैनल ने सुपर 30 पर 3 घंटे का कार्यक्रम  चलाया |  उसी वर्ष अमेरिकी समाचार पत्र द न्यूयार्क टाइम्स ने आधे पन्ने पर उनके विषय में दो लेख लिखा | अभिनेत्री और पूर्व मिस जापान नोरिका फुजिवारा पटना आयीं और उन्होंने आनंद कुमार के कार्यों पर एक लघु फिल्म बनायीं | बीबीसी के कार्यक्रमों में भी उन्हें स्थान मिला  | उन्होंने अपने अनुभवों के बारे में भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद, कई आईआईटी, ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय, टोकियो विश्वविद्यालय तथा स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय में भाषण दे चुके हैं | आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को निःशुल्क शिक्षा देने के काम के कारण लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में भी नाम दर्ज हुआ है |  टाइम पत्रिका में सुपर 30 को बेस्ट ऑफ एशिया 2010 की सूची में स्थान दिया है | इन्हें 2010 में   “इंस्टिट्यूट ऑफ रिसर्च एंड डॉक्यूमेंटेशन इन सोशल साइंसेस” द्वारा  एस रामानुजम पुरस्कार से नवाजा गया | उन्हें वर्ष 2010 में ही  बिहार सरकार का सर्वोच्च पुरस्कार “ मौलाना अबुल कलाम आजाद शिक्षा पुरस्कार” भी  मिला | “न्यूजवीक पत्रिका में” ने आनंद कुमार के कार्यों को संज्ञान लेते हुए उनके संस्थान को चार सर्वाधिक अभिनव संस्थान  में  स्थान दिया है | आनंद कुमार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा भी  “राष्ट्रीय बाल कल्याण पुरस्कार” प्रदान किया गया है  | इन्हें और देश- विदेश से कई पुरस्कार मिल चुके हैं |   ऐसे समर्पित और अपनी प्रतिभा से औरों को भी प्रकाशित करनेवाले शिक्षक वाकई हिंदुस्तान के लिए  गर्व का विषय है |

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