सिगरेट को में पीता हूँ …. या, सिगरेट मुझे पी जाती है –

जब हम बहार की दुनिया में देखते है तब , हर जगह, हर पोस्टर पर, हर दीवाल पर , सिगरेट के हर बॉक्स पर लिखा हुआ नज़र आता है ….. “ सिगरेट पीनास्वास्थ्य के लिएहानी कारक है” …. “Tobaco is dangerous for health”…… लेकिन क्या इन सब बातो का मानवी जीवन पर कोई असर होता है…? लोग आसानी से पढ़लेते है और फिर आराम सेसिगरेट पिते है l आज की युवा पीढ़ी मै और कॉर्पोरेट दुनिया मै, सिगरेट पीना एक फैशन है, इतना ही नहीं पर मैंने तो एसा भी देखा है की जो सिगरेट नहीं पिता वो लोअर लेवल का कहेलाता है l

एक सर्वे के अनुसार,भारत में सिगरेट पिने से हर साल १० लाख से ज्यादा लोग मरते है l WHO के एक सर्वे के अनुसार २००५ में विश्व के ५४ लाख लोग तम्बाकू के सेवन के कारन मर गए , जो संख्या दिन प्रतिदिन बढती ही जा रही है l और अगर हाल ऐसा ही रहा तो २०३० तक दुनिया में तम्बाकू के कारन १०० करोड़ लोग मर जायेंगे l भारत मै ५० % से ज्यादा पुरुष और ९ % महिला तम्बाकू का सेवन करते है l

सिगरेट पिने वालो को क्या यह पता है…….

  • सिगरेट पिने से आदमी के फेफड़े मै टार जमा हो जाता है जिन की वजह से कैंसर होने का सब से बड़ा खतरा है l
  • सिगरेट पिने से आदमी का ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है l
  • पिने के समय तो मज़ा आता है पर धीरे धीरे शरिर कमजोर हो जाता है l
  • धुम्रपान की वजह से व्यक्ति को भूख लगनी कम हो जाती है जो सीधा शरीर को असर करती है l
  • सिगरेट की वजह से शरीर में चर्म रोगफैलता है, चमड़ी धीरे धीरे कलि पड जाती है l
  • आदमी का जल्दी बुढढl होना भी दिखाई देता है l
  • सिगरेट की वजह से होठ और दांत काले पद जाते है l
  • दिल की धड़कन भी धीरे धीरे बढ़ जाती है l
  • स्मोकिंग की वजह से मसुडो में सुजन हो जाती है और दर्द होना शुरू हो जाता है l
  • सब से अहम् बात यह है की कोई भी लड़की या स्त्री को धुम्रपान पसंद नहीं है l

अगर मुझे यह सब पता है और फिर भी मै सेवन करता हूँ तो इसका मतलब यह है की मुझे मेरी जिंदगी से और मेरे परिवार से प्यार नहीं है l स्मोकिंग से लगभग १० साल की उम्र कम हो जाती है l ‘आदमी को जब मरना है तभी वह मरेगा’, यह बात तम्बाकू सेवन करने वालो पर लागु नहीं होती क्योकितम्बाकू सेवन करने वाला आदमी खुद ही अपनी मोट की तारीख नक्की करता है l

लोगो का यह कहना है की धुम्रपान करने से टेंशन कम हो जाता है,पर ऐसा बिलकुल नहीं होता l सिगरेट के अंदर निकोटिन नामका तत्त्व होता है, जिनकी वजह से धुम्रपान करते समय थोड़ी देर अच्छा लगता है l लेकिन यह निकोटिन और दुसरे जहरीले तत्व के कारन फेफड़े ख़राब हो जाते है l मतलब की धुम्रपान एक धीरा जहर है l

क्या धुम्रपान के सम्बन्ध में समाज का कोई दायित्व है …? यह बात ऐसी है की सिर्फ सडको पर  या तो सिनेमा गृह में advertisement लगा देने से कोई फर्क नहीं पड़ता l अपनी सरकार भी करोडो रुपियो की advertisement करती है , अपने राजकीय नेता लोग , अपने धार्मिक चिन्तक , धर्मगुरु, समाज के बड़े बड़े मुखिया लोग बहोत बोल बोल के उपदेश देते रहेते है पर उसका भी कोई परिणाम आता नजर नहीं आता l धुम्रपान या तो अपने आप छोड़ी जाती है, या तो अगर सरकार उसका उत्पादन और बिक्री ही बंध करवा दे तो शक्य है l

सिगरेट पिने से दो प्रकार के आर्थिक नुकसान है l एक तो दिन में जितनी sigarate पीओ उसका दाम और दूसरा सिगरेट पिने के कारन व्यक्ति की हेल्थ को जो असर होता है उसकी ट्रीटमेंट का दाम l आज एक सिगरेट एवरेज १० rs की आती है, आदमी दिन में १० सिगरेट पिता है तो रोज का 100 rs. का खर्च हो जाता है l आज भारत में २० करोड़ से ज्यादा लोग ऐसे है की जिनका घर हररोज 100Rs में चलता है l उसके सामने उससे ज्यादा लोग ऐसे है की रोज Rs 100 से लेकर ५०० तक का धुंवा निकल देते है l

अब हम नज़र करते है हमारी धार्मिक बाबतो पर भी l भगवद गीता में लिखा है की “सर्वस्य चाहंहृदिसनीविस्टो”( अध्याय १५/१५) , इस श्लोक का यह मतलब है की भगवान मेरे अंदर है l अगेर भगवान मी अंदर है और में सिगरेट पिता हूँ, तो यह धुवाँ में मेरे शरिरके अंदर ही नहीं बल्कि भगवान को देता हूँl बाइबल कहेता है की “ तू अपने पडोसीसे प्रेमकर”(मती:२२/३९) l और हमारा अपना परिवार ही सब से बड़ा पडोसी है l अगेर में मेरे परिवार को प्रेम करता हूँ तो मुझे ये धुवाँ से दूर रहेना चाहिए l

अस्तु बोलने से पहेले में गुजारिश जरुर करूँगा की यह बात सिर्फ पढ़े नहीं लेकिन उसके बारे थोडा सोचे, समजे और कम से कम अपने परिवार को बचाए l

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