बॉलीवुड में अपनी खूबसूरती, दिलकश अदाओं और अभिनय के लिए मशहूर सदाबहार अभिनेत्री रेखा का जन्म 10 अक्टूबर, 1964 को मद्रास में हुआ था। रेखा का पूरा नाम भानुरेखा गणेशन है। रेखा का पूरा जीवन काफी रहस्य्पूर्ण और उतार -चढ़ाव भरा रहा। एक फिल्मी परिवार से ताल्लुक रखने वाली रेखा के पिता जेमिनी गणेशन तमिल फिल्मों के जाने -माने अभिनेता और माँ पुष्पावल्ली अभिनेत्री थी । रेखा के माता -पिता ने छुप कर शादी की थी और दोनों अलग-अलग ही रहते थे।उनकी शादी के दो साल बाद रेखा का जन्म हुआ, लेकिन समाज ने उन्हें नाजायज बताया। वहीं रेखा के पिता ने कभी भी रेखा को अपनी पुत्री नहीं माना, जिसके वजह रेखा हमेशा ही पिता के प्यार से वंचित रही। रेखा ने अपनी शुरूआती पढ़ाई चर्च पार्क कॉन्वेंट स्कूल से की,लेकिन माँ के बीमार रहने और परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण रेखा को बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी। इसके बाद रेखा ने भी अपने माता-पिता की तरह ही अभिनय जगत में कदम रखा और बतौर बाल कलाकार तेलुगू फिल्म ‘रंगुला रत्नम‘ से अपनी करियर की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने कुछ और फिल्मों में भी बाल भूमिकाएँ निभाई। साल 1969 में कन्नड़ फिल्म ऑपरेशन जैकपाट नल्ली सीआईडी 999 से रेखा ने बतौर अभिनेत्री डेब्यू किया। इसके बाद रेखा ने बॉलीवुड का रुख किया।लेकिन बॉलीवुड में पैर जमाना रेखा के लिए आसान नहीं था हालांकि यहां भी शुरूआती दौर में रेखा को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। कई लोग रेखा को बदसूरत कहकर काम देने से मना कर देते थे, लेकिन रेखा ने कभी हार नहीं मानी। धीरे -धीरे रेखा की मेहनत रंग लाने लगी और रेखा को हिंदी फिल्म अंजाना सफर में अभिनय करने का मौका मिला,लेकिन विवादों के कारण यह फिल्म रिलीज नहीं हो पाई। इसके बाद साल 1970 में रेखा को मोहन सहगल की हिंदी फिल्म ‘सावन भादो‘ में अभिनय करने का मौका मिला,जो रेखा की बॉलीवुड में पहली फिल्म थी। इस फिल्म में रेखा के अपोजिट अभिनेता नवीन निश्छल लीड रोल में थे। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल रही ।जिसके बाद रेखा को कई फिल्मों के ऑफर मिलने लगे और वह कई फिल्मों में अभिनय करती नजर आई।रेखा ने बड़े पर्दे पर हर तरह के किरदार को बखूबी निभाया और अपने शानदार अभिनय से यह साबित किया कि वह फिल्म में हर तरह के किरदार को बेहतर तरीके से निभाने में सक्षम हैं। समय के साथ रेखा अपनी खूबसूरती ,अदाओं, मेहनत, संघर्ष, लगन और अभिनय से दर्शकों के दिलों पे इस कदर छाई कि हर कोई उनका मुरीद हो गया। साल 1980 के दशक में रेखा बॉलीवुड की शानदार अभिनेत्री के रुप में पहचानी जानी लगी। इस दशक में रेखा को ऋषीकेश मुखर्जी की फिल्म ख़ूबसूरत में अभिनय करने का मौका मिला। इस फिल्म में रेखा के अभिनय की हर किसी ने सराहना की। इसके साथ ही उन्हें इस फिल्म के लिए अपना पहला फिल्म फेयर का सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला। साल 1981 में रेखा ने फिल्म ‘उमराव जान’ में अपने शानदार किरदार के लिए काफी तारीफें बटोरी। यही नहीं इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस के तौर पर राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। रेखा को बॉलीवुड की संपूर्ण अभिनेत्री कहा जाता है। रेखा ने अपने पूरे करियर में 180 से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया जिसमें जमीन आसमान, नमक हराम, नागिन, आप की ख़ातिर, खून-पसीना, खूबसूरत, उमराव जान, मुक्कद्दर का सिकंदर, सिलसिला, लज्जा, दिल हैं तुम्हारा, कोई मिल गया, शमिताभ आदि शामिल हैं।
फिल्मों में अभिनय के अलावा रेखा ने मशहूर संगीतकार आर डी बर्मन के कहने कुछ फिल्मों में गाने भी गाये हैं,जिसमें उनकी फिल्म खूबसूरत का गाना ‘सारे नियम तोड़ दो‘ भी शामिल हैं। इसके अलावा रेखा कुछ फिल्मों में अभिनेत्रियों की आवाज़ भी बनी।
रेखा को फिल्मों में उनके असीम योगदान के लिए साल 2010 में भारत सरकार की ओर से पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अलावा रेखा को एक राष्ट्रीय पुरस्कार और तीन फिल्म फेयर पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका हैं।
बॉलीवुड की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री रेखा ने साल 2012 में राजनीति में कदम रखा और राज्य सभा की सदस्या चुनी गई। इस क्षेत्र में उन्हें कोई खास सफलता नहीं मिली। वह 26 अप्रैल, 2018 तक राज्य सभा के सदस्य के रुप में अपनी सेवाएं देती रही।
रेखा की निजी जिंदगी काफी रहस्य भरी रही। साल 1973 में रेखा और अभिनेता विनोद मेहरा की शादी की अफ़वाह उड़ी जिसका खंडन रेखा ने साल 2004 में सिमी ग्रेवाल को दिए एक इंटरव्यू में किया था। कहा जाता हैं रेखा ने उद्योगपति मुकेश अग्रवाल से साल 1990 में शादी की थी,लेकिन शादी के 6 महीने बाद ही मुकेश ने सुसाइड कर लिया वह अवसाद से ग्रस्त थे। जिसके बाद कदम-कदम पर रेखा ने काफी मुश्किलों का सामना किया। यहां तक की मुकेश के सुसाइड के लिए लोग रेखा को ही जिम्मेदार ठहराते थे, लेकिन कोर्ट में यह साबित नहीं हो पाया। कहा जाता है मुकेश ने अपने सुसाइड किया था तो रेखा वहां नहीं थी और मुकेश ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि उनके निधन के लिए किसी को जिम्मेदार न ठहराया जाए। अपनी निजी जिंदगी में रेखा ने बहुत कठिनाइयों का सामना किया लेकिन जिंदगी के इस उतार -चढ़ाव में वह बहुत मजबूती के साथ खड़ी रही और अपनी मेहनत की बदौलत बुलंदियों के आसमान को छुआ। बॉलीवुड की कई मशहूर अभिनेत्रियाँ रेखा को अपना आदर्श मानती है और उनके जैसा बनना चाहती। रेखा अब भी अभिनय जगत में सक्रीय हैं और उन्होंने हाल ही में स्टार प्लस पर प्रसारित होने वाले धारावाहिक ‘गुम हैं किसी के प्यार में‘ से छोटे पर्दे पर डेब्यू किया हैं। आज भी रेखा अभिनय, खूबसूरती, अदा और फैशन में अच्छे -अच्छे यंगस्टर को मात देती हैं। आज भी उनके चाहने वालों की संख्या लाखों में हैं।