पेंशन योजना

पेंशन एक निधि या कोष को कहते हैं जिसमें किसी कर्मचारी को रोजगार के वर्षों की अवधि में पैसा जोड़ा जाता है | कर्मचारी के सेवानिवृत्त के पश्चात् उसी निधि से पैसा आहरित कर कर्मचारी को आवधिक भुगतान किया जाता है | पेंशन एक “निर्धारित लाभ योजना”  है,  जहाँ  से किसी व्यक्ति को नियमित रूप से एक  निश्चित राशि का भुगतान किया जाता है |   वस्तुतः यह एक “निर्धारित योगदान योजना” है, जिसके तहत एक निश्चित राशि का निवेश किया जाता है जो सेवा निवृत्ति के पश्चात् उसे उपलब्ध होता है |

देश में सामाजिक सुरक्षा के लिए 1 मई 2009 को   नई पेंशन स्कीम (NPS) के नाम पर एक पेंशन योजना की शुरुयात की गयी है |  इस योजना के पहले पेंशन आजीवन करीब एक ही रहती थी | इसमें योगदान और निवेश पर की गयी कमाई के अनुरूप राशि  उपलब्ध होती है |  पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डवलपमेंट अथोरिटी यानी पीएफआरडीए नई पेंशन योजना के लिए नियामक संस्था है |बुजुर्गावस्था में नियमित आय की सुरक्षा के लिए पेंशन फंड की स्थापना हेतु 2003 में इसका गठन किया गया है |

सेना के आलावा भारत सरकार के 01/01/2004 के बाद भर्ती हुए सभी कर्मचारी नयी पेंशन योजना के सदस्य बनने  के बाध्य हैं | इसके आलावा एनआरआई सहित 18 से 60 वर्ष की आयु के सभी भारतीय नागरिक स्वेच्छा से इसमें निवेश कर सकते हैं | इसमें क़िस्त की राशि 500 रुपये प्रतिमाह से कम नहीं हो सकती |

एनपीएस के तहत कर्मचारी सेवानिवृत्ति के समय कुल जमा कोष में से 60 प्रतिशत राशि निकालने का पात्र है | शेष जुड़ी राशि पेंशन योजना में चली जाती है | 1 मई 2009 से ही यह योजना स्वैच्छिक आधार पर असंगठित क्षेत्र के कामगारों सहित देश के सभी नागरिकों के लिए  भी प्रदान की जा रही है |  10 दिसंबर 2018 को, भारत साकार ने एनपीएस से पूरी राशि की  निकासी को करमुक्त बनाया है |  वर्ष 2004 में जब एनपीएस को शुरू किया गया था उस समय कर्मचारी को अपना मूल वेतन तथा महंगाई भत्ता का  10%  योगदान करना होता था | वर्ष 2018 में केंद्र सहकार ने इस योगदान को  बढ़ाकर कर 14 % कर दिया तथा कर्मचारी का योगदान 10% ही रह गया  |

पहले एनपीएस की परिपक्कता पर केंद्रीय कर्मचारी पेंशन फण्ड में जमा राशि का 60% निकाल सकते थे  जिसमें 40% राशि करमुक्त होती  थी और शेष 20% पर टैक्स लगता था | अब पूरा 60% राशि ही टैक्स-फ्री है | कर्मचारी को इसमें भी स्वतंत्रता दी गयी है कि वे अपने पैसे किस फण्ड में निवेश करेंगे | केंद्रीय कर्मचारी वर्ष में एकबार पेंशन फंड या इक्विटी को अपनी मर्जी के अनुसार बदल सकेंगे | वस्तुतः राष्ट्रीय पेंशन योजना भारत के सभी नागरिकों के लिए सेवा निवृत्ति योजना है |  पेंशन की योजनाद्वारा  वृद्धावस्था के दौरान उस समय वित्तीय सुरक्षा और  स्थायित्व प्रदान किया जाता है, जब लोगों के पास आय का कोई नियमित स्रोत नहीं होता |   सेवा निवृत्ति योजना द्वारा सुनिश्चित किया जाता है कि 60 वर्ष के बाद देश के एक एक मजदूर भी  एक प्रतिष्ठापूर्ण जीवन जी सके |    पेंशन योजना से लोगों को निवेश और बचत करने का अवसर भी मिलता है |

 

कोरोना वायरस  से इस समय गरीब से लेकर किसान तक  हरेक व्यक्ति परेशानियों का सामना कर रहा है | केंद्र सरकार अभी तक देश की जनता के लिए तरह तरह की सुविधाएँ उपलब्ध करा चुकी है | इसके आलावा सरकार कई तरह की स्कीम चलाती है, जिसके जरिये कमाई हो सकती है |  वृद्धावस्था को  सुरक्षित रखने के लिए   केंद्र सरकार ऐसी ही और चार योजनाएं चला रही है जो निम्न प्रकार है

1.अटल पेंशन योजना –इस योजना में कोई भी भारतीय निवेश कर सकता है |  इस योजना के लिए बैंक खाता होना आवश्यक है | योजना का फायदा उठाने के लिए उम्र 18 से 40 के बीच होनी चाहिए | साथ ही APY  के तहत पेंशन पाने के लिए कम से कम 20 साल तक निवेश करना होगा | पेंशन योजना के तहत कम से कम 1000 रुपये और अधिकतम 5000 रुपये मासिक पेंशन मिल सकती है | 60 साल की उम्र से पेंशन मिलना शुरू हो जाती है |

2. पीएम श्रमयोगी मानधन योजना— इस योजना की शुरुयात 2019 में हुई है | इस योजना के तहत असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को सरकार की और से पेंशन दी जाती है | इस योजना में 60 साल की उम्र के बाद हर महीने 3000 रुपये पेंशन दी जाती है, यानी सालाना 36000 रुपये |  श्रम और रोजगार मंत्रालय के अनुसार इस स्कीम के जरिये अबतक करीब 43.7  लाख लोग जुड़ चुके हैं |

3.पीएम किसान मानधन योजना— प्रधान मंत्री  किसान मानधन योजना के तहत किसानों को पेंशन दी जाती है |  18 से 40  की उम्र  के बीच  कोई भी किसान इसमें भाग ले सकता है |  60 की उम्र के बाद किसानों को योजना के तहत 3000  रुपये महीना या 36000 रुपये सालाना पेंशन दी जाती है | अब तक इस स्कीम में करीब 20 लाख किसान जुड़ चुके हैं |

4. प्रधानमंत्री  लघु व्यापारी मान धन योजना –प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करकमलों के द्वारा 2019 में झारखण्ड में ही इस योजना का लाँच हुआ था | यह मुख्यरूप से छोटे व्यापारियों के लिए एक पेंशन योजना है | छोटे व्यापारियों को सामाजिक सुरक्षा देने की  पहल है  यह, जिसके तहत उन्हें 60 साल की उम्र के बाद 3000 रुपये मासिक  पेंशन मिलती है |

पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए कामन सर्विस सेंटर पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना पड़ता है | पेंशन योजना में सरकार भी बराबर का योगदान करती है | योजना का फायदा लेने के लिए नियम को बहुत ही आसान बनाया गया है | खास बात यह है कि इस योजना का  लाभ लेने के लिए  आधार नंबर  और बैंक खाता के आलावा अन्य किसी डाक्यूमेंट की आवश्यकता नहीं है |

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