देशभक्ति फिल्मो के मशहूर निर्माता – जे.पी.दत्ता
मशहूर फिल्म निर्माता -निर्देशक जे पी दत्ता को बॉलीवुड में देशभक्ति फिल्में बनाने के लिए जाना जाता है। जे पी दत्ता का जन्म 3 अक्टूबर,1949 में महाराष्ट्र में हुआ था। उनके पिता ओ पी दत्ता जाने माने फिल्म निर्देशक और स्क्रीनराइटर थे। जेपी दत्ता का पूरा नाम ज्योति प्रकाश दत्ता है। बचपन से ही फिल्मों के प्रति आकर्षित थे। जे पी दत्ता ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1976 में फिल्म ‘सरहद से की थी। यह देव आनंद अभिनीत एक देशभक्ति फिल्म थी,लेकिन यह फिल्म कभी रिलीज नहीं हो पाई। जे पी दत्ता ने इस फिल्म में बीते जमाने की एक्ट्रेस बिंदिया गोस्वामी को लिया था।जे पी दत्ता को बिंदिया गोस्वामी से इस फिल्म के सेट पर प्यार हो गया। लेकिन यह प्यार इतना आसान नहीं था। जे पी दत्ता से उम्र में लगभग बारह साल छोटी बिंदिया गोस्वामी दरअसल फिल्म अभिनेता विनोद मेहरा की पत्नी थी, लेकिन इन दोनों की शादी लंबे समय तक नहीं टिक पाईं और साल 1984 में दोनों का तलाक हो गया था। इसके बाद फिल्म सरहद के सेट पर जेपी दत्ता और बिंदिया गोस्वामी की आँखे ऐसी लड़ी की दोनों का प्यार दिन पर दिन परवान चढ़ने लगा और बात शादी तक पहुँच गई।लेकिन बिंदिया के परिवार वालों ने इस शादी के लिए अपनी सहमति नहीं दी। इसके बाद बिंदिया ने घर से भागकर साल 1985 में जेपी दत्ता से शादी कर ली। जे पी दत्ता और बिंदिया गोस्वामी की दो बेटियां हुई ,जिनका नाम निधि और सिद्धि दत्ता है। जे पी दत्ता ने 1985 में एक फिल्म बनाई ‘गुलामी’।धर्मेन्द्र, मिथुन चक्रवर्ती, नसीरुद्दीन शाह, रीना रॉय, स्मिता पाटिल जैसे सितारों से सजी यह फिल्म जेपी दत्ता की पहली रिलीज फिल्म थी। इसके बाद उन्होंने ‘यतीम’, ‘बंटवारा’, ‘हथियार’, ‘क्षत्रिय’ जैसी फिल्मों का डायरेक्शन किया। फिर 1997 में में रिलीज हुई उनकी फिल्म ‘बॉर्डर’ जो बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर साबित हुईं । फिल्म बॉर्डर की कहानी में 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध पर आधारित थी।सनी देओल, सुनील शेट्टी अक्षय खन्ना जैसे सितारों से सजी इस मल्टीस्टारर फिल्म में भारतीय सेना की वीरता को बखूबी पर्दे पर उतारा गया था।
इस फिल्म ने लोगों में नई ऊर्जा और देशभक्ति का संचार किया।आज भी यह फिल्म दर्शकों को काफी पसंद है।बॉर्डर की सफलता के साथ ही जेपी दत्ता फिल्म इंडस्ट्री के सबसे मशहूर फिल्ममेकर की लिस्ट में शामिल हो गए। वहीं इस फिल्म के लिए जे पी दत्ता को राष्ट्रीय पुरस्कार सहित कई अन्य पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया । इस फिल्म को राष्ट्रीय एकीकरण के लिए बेस्ट फीचर फिल्म का नरगिस दत्त अवॉर्ड भी दिया गया था। बॉर्डर साल 1997 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी। इस फिल्म को भारत की सबसे बड़ी वार मूवी भी कहा जाता है।साल 2000 में जेपी दत्ता फिल्म रिफ्यूजी लेकर आये । फिल्म में लीड कलाकार के रूप में अभिषेक बच्चन और करीना कपूर ने साथ काम किया था। यह फिल्म अभिषेक और करीना की बॉलीवुड डेब्यू थी। रिफ्यूजी’ बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई , लेकिन इस फिल्म को समीक्षकों से सराहना मिलीं। यह उस साल की पांचवी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी। करीना और अभिषेक ने अपना रील लव सिल्वर स्क्रीन पर बखूबी दिखाया था। साल 2003 में जेपी दत्ता एक बार फिर कारगिल युद्ध पर आधारित फिल्म ‘एलओसी कारगिल’
बनाई संजय दत्त, अजय देवगन, सैफ अली खान, सुनील शेट्टी, संजय कपूर अभिषेक बच्चन, अक्षय खन्ना जैसे सितारों से सजी इस फिल्म के निर्देशन के लिए हर तरफ जेपी दत्ता की तारीफें होने लगीं।हर कोई उनकी फिल्मों का मुरीद हो गया था।जेपी दत्ता ने देशभक्ति और युद्ध पर आधारित कई शानदार फिल्में बनाई हैं। उनकी फिल्मों को दर्शकों द्वारा खूब सराहा गया है। उनकी फिल्मों को देखकर दर्शक सिनेमा हॉल में ही देशभक्ति से इतने ज्यादा ओत- प्रोत जाते थे कि फिल्मों के प्रदर्शन के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ नारे लगाने लगते थे। एलओसी की रिलीज के करीब तीन साल बाद साल 2006 में जेपी दत्ता के निर्देशन में बनी म्यूजिकल रोमांटिक ड्रामा फिल्म “उमराव जान”को जेपी दत्ता की मशहूर फिल्मों में से एक माना जाता है। अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय अभिनीत इस फिल्म को भी दर्शकों ने भरपूर प्यार दिया और यह फिल्म भी बॉक्स ऑफिस पर सफल रही। इसके करीब 11 साल बाद वर्ष 2018 में दत्ता फिल्म ‘पलटन’ के साथ डायरेक्शन में लौटे, लेकिन यह फिल्म भी कमाई में यह फिल्म कोई खास कमाल नहीं दिखा पाई। वैसे तो जे पी दत्ता ने बहुत कम फिल्मों का ही निर्देशन किया है,लेकिन उनकी फिल्में दर्शकों के दिलों को छूती है। जे पी दत्ता निर्देशित फिल्मों में यतीम, हथयार, क्षेत्रीय, पलटन आदि शामिल हैं।कहते हैं कि एक अच्छे फिल्मकार को अपने फिल्म निर्देशन की तारीफ के लिए अवार्ड की जरूरत नहीं होती है. उन्हीं फिल्मकारों में से एक नाम जेपी दता का है जिन्हें अपने बेहतर फिल्म निर्देशन के लिए किसी अवार्ड की जरूरत नहीं है क्योंकि उनका अवार्ड उनके वो दर्शक हैं जो जेपी दता की निर्देशित फिल्मों को हजारों बार देखना चाहते हैं।