बॉलीवुड के मशहूर सिंगर कुमार सानू को आज कौन नहीं जानता। बॉलीवुड फिल्मों में रोमांटिक गाने गाकर लाखों युवा दिलों की धड़कन बनने वाले, कुमार सानू का जन्म 20 अक्टूबर1957 को कोलकाता में हुआ था। कुमार सानू का असली नाम केदारनाथ भट्टाचार्य है। कुमार सानू के पिता पशुपति भट्टाचार्य एक तबलावादक और संगीतकार थे। घर में संगीत का माहौल होने की वजह से, कुमार सानू का रुझान भी संगीत की तरफ हुआ। उन्होंने अपने पिता से तबला बजाना सीखा और साथ ही उनसे संगीत की शिक्षा भी ली। अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद कुमार सानू संगीत की दुनिया में अपनी पहचान बनाने के लिए आर्केस्ट्रा में शामिल होके, कई स्टेज शो में हिस्सा लेने लगे। इस दौरान उन्हें साल 1986 में बांग्लादेशी फिल्म तीन कन्या में, गाना गाने का उन्हें मौका मिला। इसके बाद कुमार सानू संगीत की दुनिया में अपनी कामयाबी का सपना लिए, मुंबई आ गए और अपने सपने को पूरा करने के लिए दिन रात कड़ी मेहनत करने लगे। लेकिन यहां आने के बाद उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। अपने संघर्ष के दिनों में कुमार सानू ने कई स्टेज शो किए। इस मुश्किल दौर के बीच उन्हें साल 1989 में उम्मीद की एक किरण दिखी और उन्हें अपना सपना साकार होते हुए दिखा, जब उन्हें पहली बार बॉलीवुड फिल्म हीरो हिरालाल में गाना गाने का मौका मिला। इस फिल्म में उन्होंने “जश्न हैं मोहब्बत का” गाने में अपनी आवाज़ दी थी।
इसके बाद कुमार सानू को कुछ और फिल्मों में गाना गाने का मौका मिला। साल 1989 में ही कुमार सानू की मुलाकात जगजीत सिंह से हुई, उन्होंने उन्हें कल्याण जी-आनंद जी से मिलवाया। वह कुमार सानू की आवाज़ से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने 1989 में आई अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म ‘जादूगर’ में उन्हें गाना गाने का मौका दिया। इस फिल्म में कुमार सानू ने तीन गाने मैं जादूगर, आये हम दुआएँ देने और नाच मेरी राधा जैसे गाने गाये| जिसे दर्शकों के बीच काफी पसंद किया गया। इसके बाद कुमार सानू ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा। साल 1990 में विनोद खन्ना की फिल्म ‘जुर्म’ का गाना ‘जब कोई बात बिगड़ जाए’ से, उन्हें पहली सफलता मिली। इसी साल एक और फिल्म ‘आशिकी’ आई, जिसमें कुमार सानू ने गीत गाए। इस फिल्म का गाना ‘मैं दुनिया भुला दूँगा’ और ‘तू मेरी जिंदगी है’ ने, हर किसी को दीवाना बना दिया। इस फिल्म में कुमार सानू के सारे गाने सुपरहिट रहे और कुमार सानू रातों-रात लोकप्रियता के शिखर पर पहुंच गए।
हर कोई उनकी आवाज़ का मुरीद हो गया और सभी की ज़ुबान पर बस एक ही नाम था कुमार सानू। 90 के दशक में बॉलीवुड में कुमार सानूने बॉलीवुड में कई रोमांटिक और हिट गाने दिए है| जिसमें मेरा दिल भी कितना पागल है(साजन), एक लड़की को देखा तो(1942 अ लव स्टोरी), सोचेंगे तुम्हें प्यार (दीवाना), दो दिल मिल रहे हैं(परदेस), इस तरह आशिकी का(इम्तिहान), पास वो आने लगे(मैं अनाड़ी तू खिलाड़ी), छम्मक छल्लों छैल छबीली(रावड़ी राठौर), दर्द करारा (दम लगा के हइसा) आदी शामिल हैं। कुमार सानू एक मात्र ऐसे गायक है, जिन्होंने एक दिन में 28 गाने रिकॉर्ड किए हैं। इसके लिए उनका नाम गिनीज़ ऑफ द वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है। इसके साथ ही कुमार सानू के नाम लगातार पांच साल तक 1991 से लेकर 1995 तक फिल्म फेयर का सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार जीतने का रिकॉर्ड भी बनाया है। यह अवार्ड उन्हें 1991 में ‘अब तेरे बिन'(आशिकी), 1992 में ‘मेरा दिल भी कितना पागल है'(साजन), 1993 में ‘सोचेंगे तुम्हें प्यार”(दीवाना), 1994 में ‘ये काली काली आँखें’ (बाजीगर), 1995 में ‘एक लड़की को देखा’ (1942: अ लव स्टोरी) के लिए मिला।
कुमार सानू बॉलीवुड के उन चुनिंदा सिंगरों में से है जिनकी आवाज़ का जादू दर्शकों के बीच हमेशा कायम रहेगा। उन्होंने हिंदी, बंगाली, मराठी, अंग्रेजी, असमिया, उड़िया, तेलुगू, तमिल आदि कई भाषाओं में कई सुपरहिट गाने गाये हैं। साल 2009 में उन्हें संगीत की दुनिया में अभूतपूर्व योगदान के लिए भारत सरकार की तरफ से पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
कुमार सानू एक ऐसे भारतीय सिंगर है, जिसकी गायकी का दबदबा देश ही नहीं विदेशों में भी हैं। अबतक लगभग 20,000 गाने गा चुके कुमार सानूने, अपनी गायकी की बदौलत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई हैं। ‘किंग ऑफ़ मेलोडी’ कहे जाने वाले कुमार सानू को केवल देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी फैंस का खूब प्यार मिला है और इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, अमेरिका में कुमार सानू के नाम से कुमार सानू डे भी मनाया जाता है।
अमेरिकी प्रांत ओहियो के मेयर माइकल आर. टर्नर ने तो 31 मार्च को कुमार सानू डे घोषित कर दिया, जो अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि हैं। इसके अलावा कुमार सानू को इंग्लैंड की संसद में, सम्मानित भी किया जा चुका हैं। लाखों दिलों को जीतने वाले कुमार सानूने गायकी के अलावा दिल्ली में, अपने नाम से ही एक प्राइमरी स्कूल की स्थापना भी की है, जिसमें बच्चों को मुफ्त यूनिफार्म एवं किताब कापियां दी जाती हैं।
कुमार सानू को गायकी के अलावा राजनीति में भी गहरी रूचि हैं। जिसके कारण वह साल 2004 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए, लेकिन किन्ही कारणों से उन्होंने इस पार्टी से जल्दी ही इस्तीफ़ा दे दिया और साल 2012 में, पुनः इसी पार्टी में शामिल हो गए।
कुमार सानू की निजी जिंदगी की बात करे तो उन्होंने दो शादियाँ की है| साल 1980 में कुमार सानूने रीटा भट्टाचार्य से शादी की। रीटा से उन्हें जेसी, जीको और जान नाम से तीन बेटे हैं। लेकिन लम्बे समय तक साथ रहने के बाद रीटा और कुमार सानू के रिश्तों में खटास आने लगी| जिसके कारण रीटा और कुमार सानू का साल 1994 में तलाक हो गया। इसके बाद कुमारने सलोनी भट्टाचार्य से शादी कर ली। इनसे कुमार सानू को शैनन और एना नाम की दो बेटियां हैं। कुमार सानू देश के उन गायकों में हैं, जिन्होंने अपनी गायकी की बदौलत सफलता की बुलंदियों को छूने के साथ-साथ दर्शकों के दिलों को भी जीता हैं।