फिल्म इंडस्ट्री का एक ऐसा अभिनेता,जिसने रुपहले पर्दे पर कई फिल्मों में
खलनायक की भूमिका निभाई,लेकिन इसके बावजूद वह असल जिंदगी के नायक है और आज फैंस उन्हें उनकी नेक दरियादिली के लिए मसीहा की तरह पूजते है। हम बात कर रहे हैं अभिनेता सोनू सूद की। सोनू सूद का जन्म 30 जुलाई, 1973 को पंजाब के मोगा जिले में हुआ था। उनके पिता का नाम शक्ति सागर सूद और मां का नाम सरोज सूद है। अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेक्रेड हार्ट स्कूल,मोगा से पूरी करने के बाद सोनू सूद उच्च शिक्षा प्राप्त के लिए नागपुर आ गए और यहां यशवंत राव चव्हाण कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की । इसी दौरान सोनू की मुलाकात सोनाली से हुई और दोनों में दोस्ती हो गई। धीरे-धीरे ये दोस्ती प्यार में बदल गई। इसके बाद 25 सितम्बर, 1996 को सोनू और सोनाली ने शादी कर ली। इस दंपति के दो बेटे इशांत और अयान है। इंजिनयरिंग की पढ़ाई कर चुके सोनू का मन इंजिनयरिंग में नहीं लगा और उन्होंने मॉडलिंग को अपना करियर चुना। इसके बाद सोनू अपने सपने को पूरा करने के लिए सपनों की नगरी मुंबई आ गए और अपनी पहचान बनाने के लिए दिन- रात संघर्ष करने लगे।उनकी राह इतनी आसान नहीं थी ,जितना उन्होंने सोचा था लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। धीरे-धीरे सोनू सूद की मेहनत रंग लाने लगी और उन्हें कुछ
विज्ञापनों में काम करने का मौका मिला।इसके बाद सोनू सूद ने मिस्टर इंडिया
प्रतियोगिता में हिस्सा लिया,लेकिन वह इसमें जीत नहीं पाए। इसके बाद वह कुछ
म्यूजिक एलबम में नजर आये।
साल 1999 में सोनू सूद ने तमिल फिल्म ‘कल्लाझागर’ से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की।लेकिन इस फिल्म से सोनू को कोई खास पहचान नहीं मिली। जल्द ही सोनू ने बॉलीवुड का रुख किया और साल 2002 में रिलीज हुई फिल्म ‘शहीद ए आजम’ से हिंदी सिनेमा में कदम रखा। इस फिल्म में वो भगत सिंह के किरदार में नजर आए थे। साल 2009 में आई तेलुगु फिल्म ‘अरुंधति’ सोनू की जिंदगी का टर्निंग पॉइंट साबित हुई। इस फिल्म में सोनू के साथ अभिनेत्री अनुष्का
शेट्टी भी नजर आई। फिल्म में सोनू के किरदार और अभिनय को दर्शकों ने काफी
पसंद किया।इस फिल्म के लिए सोनू को बेस्ट विलेन का नंदी अवार्ड एवं फिल्म
फेयर का बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर अवार्ड मिला। इसके साथ ही इस फिल्म ने
उन्हें सफलता की सीढ़ियां भी बख्शी। इसके बाद सोनू ने कभी भी पीछे मुड़ कर
नहीं देखा। उन्हें कई फिल्मों के ऑफर मिलने लगे और वह हिंदी के अलावा
तमिल, तेलुगू, कन्नड़, उर्दू और अंग्रेजी भाषा की फिल्मों में भी अभिनय करते
नजर आये। वैसे तो सोनू ने फिल्मों में लगभग हर तरह के किरदार बखूबी निभाया
,लेकिन ज्यादातर फिल्मों में वह विलेन की भूमिका में ही नजर आये हैं। इसके
बावजूद उनके चाहने वालों की संख्या लाखों में है। सोनू की प्रमुख फिल्मों
में जिंदगी खूबसूरत है, राजा , आशिक बनाया आपने, जोधा अकबर, सिंह इज किंग, एक विवाह ऐसा भी, अरूंधती, दबंग, बुड्ढा होगा तेरा बाप, शूटआउट एट वडाला, रमैया वस्तावैया, आर राजकुमार, इंटरटेनमेंट, हैप्पी न्यू ईयर, गब्बर इज
बैक, पल्टन, सिम्बा आदि शामिल हैं। फिल्म अभिनेता के अलावा सोनू सूद फिल्म
निर्माता भी है। साल 2016 में उन्होंने खुद का प्रोडक्शन हाउस शुरू किया,
जिसका नाम शक्ति सागर प्रोडक्शंस है। यह नाम उनके पिता, शक्ति सागर सूद के
नाम पर रखा गया है। इसी साल सोनू सूद ने फिल्म ‘तूतक तूतक तूतिया’ को
प्रोड्यूस करने के साथ-साथ इसमें अभिनय भी किया।यह सोनू सूद निर्मित पहली
फिल्म थी।
रील लाइफ में विलेन की भूमिका निभाने वाले सोनू सूद ने साल 2020 में देश
में फैले कोरोनावायरस महामारी के दौरान सोनू सूद गरीब और जरुरतमंदो के लिए
एक मसीहा के रूप में सामने आये और कई लोगों की निस्वार्थ मदद और सेवा
की।देश में लगे लॉकडाउन के दौरान सोनू ने लाखों श्रमिक, मजदूर जो अपने घर
से दूर अलग-अलग जगह फँस गए थे उनकी मदद के लिए आगे आये और फंसे हुए प्रवासी कामगारों के लिए अपने खर्च से बसों की व्यवस्था करके उनको घर तक पहुंचाने का काम किया। इस दौरान उन्होंने कई लोगों के खाने पीने की व्यवस्था समेत कई नेक कार्य किये जिसके कारण वह रील लाइफ खलनायक से रियल लाइफ नायक बन गए। सोनू सूद ने न सिर्फ देश में रहने वाले लोगों की मदद की,जो देश में है बल्कि उन लोगों की भी मदद की जो इस महामारी की वजह से विदेश में ही फँस गए थे। इसके अलावा उन्होंने जूहू में स्थित होटल शक्ति सागर स्वास्थ्य कर्मचारियों की सेवा में खोल दिया, जिससे की कोरोना महामारी से संक्रमित लोगों की सेवा कर रहे चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मचारी वहां आराम कर सके। सोनू सूद के इस निस्वार्थ सेवा की चर्चा पूरे देश में हुई और आज देश में
हर कोई सोनू सूद का मुरीद बन गया है और उन्हें मसीहा मानकर पूजने लगा। आज हजारों लाखों युवाओं की प्रेरणा स्त्रोत बन चुके सोनू सूद अपनी इन नेक
कामों के कारण सभी भारतीयों का दिल जीत चुके हैं।इसी साल अभिनेता सोनू सूद
ने अपने 47वें जन्मदिन के अवसर पर उन्होंने एक वेबसाइट भी लांच की साथ ही
एक ऐप भी बनाया, जिसे प्रवासी रोज़गार नाम दिया गया इसका उद्देश्य वैसे
प्रवासी मज़दूरों की मदद करना है, जिनका रोज़गार कोरोना महामारी के चलते
छिन गया है उन्हें इस ऐप के जरिये अपने आसपास के इलाके में ही आसानी से
रोज़गार मुहैया कराना है। सोनू सूद अब भी देश में निस्वार्थ भाव से ज्यादा
से ज्यादा लोगों की सेवा करने में लगे है।इसमें कोई दो संदेह नहीं है कि छल
कपट भरे इस कलयुग में सोनू सूद ने एक अच्छा इंसान होने की मिसाल कायम की
है। देश में फैली कोरोना त्रासदी के दौरान सोनू द्वारा किये गए सराहनीय
कार्यों के कारण हर किसी को उनपर गर्व है। आज देश की हर माँ यह चाहती है कि
उनका बेटा सोनू सूद जैसा हो। सोनू सूद अब भी फिल्म जगत में सक्रीय है।सोशल
मीडिया पर सक्रीय रहने वाले सोनू सूद के चाहने वालों की संख्या लाखो में
है।