फिल्म जगत में दिग्गज अभिनेत्री और राजनेत्री जया बच्चन का नाम बहुत आदर और सम्मान के साथ लिया जाता है। फिल्म जगत में अपनी सशक्त पहचान बनाने वाली जया बच्चन का जन्म 9 अप्रैल 1948 को जबलपुर में मशहूर लेखक तरुण कुमार भादुड़ी के घर हुआ था। जया का वास्तविक नाम जया भादुड़ी था। जया बच्चन ने भोपाल के सेंट जोसफ कॉंवेंट स्कूल से अपनी शिक्षा प्राप्त की। स्कूल के दिनों से ही जया खेल कूद में काफी आगे थीं, जिसका फल उन्हें 1966 में मिला जब उन्हें प्रधानमंत्री के हाथों एन.सी.सी. की बेस्ट कैडेट होने का पुरस्कार मिला था। हायर सेकंडरी पास करने के बाद जया ने पुणे के फिल्म इंस्टीट्यूट में प्रवेश लिया था, लेकिन इससे पहले ही जाया को महज 15 साल की उम्र में साल 1963 में आई सत्यजीत रे की बंगाली फिल्म ‘महानगर’ में अभिनय करने का मौका मिला। इस फिल्म में जया सहायक भूमिका में थी। इसके बाद सत्यजीत रे से ही प्रेरणा लेकर जया ने, पुणे फिल्म-इंस्टीट्यूट में दाख़िला ले लिया।
जया बच्चन को यहां से गोल्ड मेडल मिला और पढ़ाई के दौरान उन्हें फिल्म ‘गुड्डी’ में अभिनय करने का मौका मिला। मुख्य भूमिका के रूप में ‘गुड्डी’ जया की पहली फिल्म थी। साल 1971 में रिलीज हुई इस फिल्म का निर्देशन ऋषीकेश मुखर्जी ने किया था। इस फिल्म में उनके साथ धर्मेंद्र और उत्पल दत्त थे। इस फिल्म में जया के अभिनय को न सिर्फ पसंद किया गया, बल्कि इस फिल्म के लिए जया को फिल्म फेयर के बेस्ट एक्ट्रेस अवार्ड के लिए भी नामित किया गया। फिल्म ‘गुड्डी’ में धर्मेंद्र से पहले जया के साथ अमिताभ बच्चन को कास्ट किया गया था। इसी फिल्म के सेट पर जया की पहली मुलाकात अभिताभ से हुई। अमिताभ-जया को देखते ही उनपर फिदा हो गए। फिल्म के सेट पर वह जया को छुप छुप कर देखते थे, जिसकी शिकायत जया न निर्देशक से कर दी। बाद में इस फिल्म से अमिताभ को हटा दिया गया, जिसके बाद जया के मन में अमिताभ के लिए सहानुभूति जग गई।
इस घटना के बाद दोनों को साल 1972 में आई प्रकाश वर्मा की फिल्म ‘बंसी बिरजू’ में साथ में काम करने का मौका मिला। इस फिल्म के सेट पर जया की दोस्ती अमिताभ से हो गई। साल 1972 में फिल्म एक नजर के सेट पर दोनों की नजदीकियां बढ़ने लगी और साल 1973 में फिल्म ‘जंजीर’ के सेट पर यह दोस्ती प्यार में बदल गई। यह फिल्म सुपरहिट हुई है। फिल्म के हिट होने का जश्न मनाने अमिताभ और जया विदेश जाना चाहते थे, लेकिन जब हरिवंश राय बच्चन को यह पता लगा तो उन्होंने अमिताभ से साफ़ शब्दों में कह दिया की अगर जया को विदेश ले जाना चाहते हो तो, उससे पहले तुम्हें उससे शादी करनी पड़ेगी। जिसके बाद दोनों परिवारों की मौजूदगी में दोनों ने शादी कर ली।
अमिताभ से शादी के बाद जया ने अपना सरनेम बदल लिया और वह जया भादुड़ी से जया बच्चन बन गई। जया और अमिताभ के दो बच्चे श्वेता बच्चन और अभिषेक बच्चन है। श्वेता बच्चन जन्म 7 मार्च 1974 को हुआ। वहीं जया और अमिताभ के बेटे अभिषेक का जन्म 5 फरवरी 1976 को हुआ था। शादी के बाद भी जया ने अपने फिल्मी सफर जारी रखा और उनकी गिनती फिल्म जगत की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्रियों में होने लगी। 70 के दशक में जया बच्चन शीर्ष अभिनेत्रियों में थी। जया बच्चन को लेकर यह तक कहा जाने लगा कि उन्होंने अपने अभिनय से फिल्म की नायिकाओं की शो पीस वाली छवि को ख़त्म कर दिया और सभी के लिए मिशाल कायम की। जया बच्चन की प्रमुख फिल्मों में बावर्ची, परिचय, पिया का घर, शोर, अभिमान, चुपके-चुपके, शोले, सिलसिला, कभी ख़ुशी कभी गम, कल हो ना हो, द्रोणा आदि शामिल हैं।
सात दशक से अधिक समय तक हिंदी और बंगाली फिल्मों में काम करने के बाद जया को आखिरी बार अमिताभ के साथ करीना कपूर और अर्जुन कपूर की 2016 में आई फिल्म ‘की एंड का’ में छोटी सी भूमिका में देखा गया था। भोली-भाली सुरत और अपने सादगी से लाखों दिलों को जीतने वाली जया ने फिल्मों में अपने शानदार अभिनय और प्रतिभा से अपनी अलग और खास छवि बनाई। जया बच्चन को अपने पूरे फिल्मी करियर में अपने बेमिसाल अभिनय के लिए नौ बार फिल्म फेयर के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जिसमें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए तीन बार और तीन बार सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के साथ ही, फिल्म फेयर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
साल 1992 में भारत सरकार ने फिल्मों में उनके सराहनीय योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया। फिल्मों के अलावा जया राजनीति में भी सक्रीय हैं। उन्होंने साल 2004 में राजनीति में कदम रखा और समाजवादी पार्टी में शामिल हो गई। जया बच्चन अब भी राजनीति में सक्रीय है और वर्तमान में राज्यसभा की सांसद हैं। जया बच्चन काफी समय से फिल्मों से दूर हैं। आज भी उनके चाहने वालों की संख्या लाखों में है। जया बच्चन ने अपने परिवार के साथ-साथ अपने करियर को भी बखूबी संवारा। जया बच्चन बॉलीवुड की उन अभिनेत्रियों में से है, जिन्होंने अपने सफल फ़िल्मी करियर से लेकर सफल राजनेत्री तक का सफर बखूबी तय किया।